Book Title: Tattvartha Sutra Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 871
________________ दीपिका-नियुक्ति टीका श.८ इ.१३ भ.द्रव्यावमोदरिकायाः अनेकविधत्वम् ६१३ प्पमाणभेत्ते हवले आहारलाणे प्रमाणपसे, एतो एगेण बि घासणं ऊणयं आहारमाहारे मागे हमणे निग्गंथे जो पखालालमोहसि बत्तव्य सिथा, ले तं अत्तपाणदशेगोयरिया, ये तं व्योमोयरिया' इति अथ का सा भक्तपानद्रव्याचमोदरिका-? भक्तपानद्रव्यावनोदरिका-अनेक विधा प्रज्ञप्ता, तघया-अष्ट कुनकुटाण्ड कमवापमानान कबलान् भाहरन्-अल्ग. हारः-१ द्वादशकुक्कुटाण्डकपमाणमात्रान् कलान् बाहरन् अपार्दाऽवमोदरिका-२ षोडश कुमकुटाण्डकपमाणमात्रान् आहरन् द्विभागयाप्ताऽवमोदरिका-३ चतुर्विशति कुक्कुटाण्ड सप्रमाणमात्रा कबलान आहर प्राप्ताऽनमोदरिका-४, एकत्रिंशत् कुक्कुटाण्ड कमाणमात्रान् कवलान् आहरन् किञ्चिदूना ऽवमोदिका-५, द्वात्रिंशत्कुक्कुटाण्डकपमाणमात्रा कवला आहरन घमाणमाप्तः इस एकेनापि करलेन ऊनकर आहार माहरन् श्रमणो निग्रन्थो 'न भकामरस प्रश्न--भक्तपान द्रव्य-अवनोदहिका लए कितने प्रकार का है ? उत्तर- सातापान द्रव्ध-अवमोरिमा तर अनेक प्रकार का है, यथा मुर्गी के अंडे के बराबर आठ कवल मात्र आहार करना अल्पाहार है। मुर्गी के अंडे के बराबर बारह काकाल का आहार करना अपार्ध-अघमो. दरिका तप है, हली प्रकार सोलह सवाल का आहार करना विभागप्राप्तअवमोरिका है । चौवीस फायल का जो आहार करता है उल्लका तप प्राह-अश्लोदरिया कहलाता है। जो इकतील कवल आहार करता है उसे किंचिदून अमोरिका तप होता है। जो पूरा मुर्गा के अंडे के बराबर बत्तील कवल आहार करता है, उसका आहार प्रमाणप्राप्त कहलाता है। जो श्रमण निनन्या प्रमाणप्राप्त आहार (बन्तील) कयल से एक भी लदल हल आहार करता है, उसके विषय में यह नहीं कहा प्रश्न--सातपानद्रव्य महरि त५ मा १२॥ छ ! ઉત્તર--ભક્તમાનદ્રવ્ય અવમદરિકા તપ અનેક પ્રકારના છે જેમ કે મરઘીના ઈડ જેટલે આઠ કળીયા માત્ર આહાર કરે અલ્પાહાર છે. મરઘીના ઈંડા બરાબર બાર કેળીયા આહાર કર અપાઈ અવમદરિકા તપ છે, એવી જ રીતે સેળ કેળીયાને આહાર કર દ્વિભાગ પ્રાપ્ત અવમેદરિકા છે. ચોવીસ ઠળીયાને જે આહાર કરે છે તેનું કિંચિદન અવમેદરિકા તપ હોય છે. જે મરઘીનાં ઈંડા જેટલા પૂરા બત્રીસ કેળીયાને આહાર કરે છે તેને આહાર પ્રમાણપ્રાપ્ત કહેવાય છે. જે શ્રમણ નિગ્રંથ પ્રમાણ પ્રાપ્ત આહાર (બત્રીસ) કેળીયાથી એક પણ કેળીયે ઓછે આહાર કરે છે તેના વિષયમાં

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