Book Title: Supasnahachariyam Part 02 Author(s): Lakshmangani, Hiralal Shastri Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 4
________________ जैन- विविध साहित्य-शास्त्रमाला ( ६ ) Jain Education International श्रीलक्ष्मणगणिविरचितं सुपासनाहचरियं । ( द्वितीयो भागः ) गूर्जरदेशान्तर्गतराजधन्यपुरवास्तव्येन श्रेष्ठित्रिकमचन्द्रतनूजेन कलिकाता विश्वविद्याल संस्कृत - प्राकृताध्यापक-परीक्षकेण न्याय-व्याकरणतीर्थपदवीकेन पण्डित - हरगोविन्ददासेन संशोधितं संस्कृतच्छायया विभूषितं च । वीरसंवत् २४४४ | For Private & Personal Use Only [ मूल्यं रूपकद्वयम् । www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 216