Book Title: Subhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Author(s): Bhavvijay
Publisher: Bhupatrai Jadavji Shah

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Page 211
________________ १०५ १२८ (२०४) .५ देवपूजा गुरू२१ देवपूजा दया २७ देवगुरुप्रसा६८ देवनिन्दा च ७२ देवानन्दोदरे देशाटनं १०३ देयं भोज देवा देवी १२३ देहीति वचनं दैत्येन दानवे द्वौ हस्ती १६६ द्यूतकारस्तला१६९ द्यूतं सर्वापदां १७९ द्यूतं च मांसं १८१ द्यूताद् राज्य ६२ द्यूतासक्तस्य १५८ द्वन्द्वो द्विगु४४ द्वाविमौ पुरुषो ८४ द्वाविमौ पुरुषो १५१ द्वाविमौ पुरुषो ९ धर्मः पर्वगतः १० धर्मारम्भे १४ धर्मों यस्य दुर्भिक्षोदयदुग्धं देयादुर्चलानादुर्जनः परिदुह्यं हृदयं दुर्जयोऽयमदु:ख स्त्री दुष्टस्य दण्डः दुष्टानां दुर्जनदूषितदुष्टा भार्या दुर्बलस्य बलं दुर्मन्त्री राज्यदुर्जनेन समं दुर्जनो जीयते दूपणेभ्यो विनि-- दूरस्थाः पर्वता दृश्यं वस्तु दृष्टानपि दृष्ट्वा यतियति देवा विसयदेहे द्रव्ये देवद्रव्येण १६६

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