Book Title: Subhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Author(s): Bhavvijay
Publisher: Bhupatrai Jadavji Shah

Previous | Next

Page 358
________________ धारवाडना श्रीसंघ तरफथी प्रतिष्ठा महोत्सवनी आमन्त्रण पत्रिका. ४३ स्वस्ति श्री सिद्धक्षेत्र श्री चिंतामणि पार्श्वजिनं प्रणम्य, तत्र श्री नगरे, महाशुभस्थाने, बिराजमान, पंचपरमेष्ठिमहामंत्रस्मारक, देवगुरुभक्तिकारक, सम्यक्त्वमूल द्वादशव्रतधारी, जिनशासनशोभाकारी, चतुरसुजान, परमबुद्धिनिधान, जिनाज्ञाप्रतिपालक, इत्यादि सर्वे शुभोपमालंकृत परमपूज्य श्री सकलसंघ समस्त सपरिवार योग्य तत्र श्री धारवाड नगर से श्रीजैन सकलसंघ समस्त शाह पुनमचंद अमीचंद, फूलचंद मोतीलाल, चंपालाल हस्तिमल सोलंकी मारवाडमें गाम सेवाडीवाला, तथा भागीदार शा डुंगरचंद सूरजमल, केसरिमल आसुलाल, मीठालाल भगवानदासजी ललवाणी मारवाडमें ग्राम कोसीलाववाला, तथा शा कालुराम गेनमलजी बालीवाला, तथा लाधुराम वजेचंदजी सादरीवाला, भीकमचंद हीराचंद जसराजजी गांधी सारणवाला, आदिका सविनय जयजिनेन्द्र वांचियेगा. यहां पर श्रीदेवगुरु कृपासें कुशल है, आपका सदा शुभ कुशलमंगल चाहते हैं । यहां पर हमारे पूर्ण पुण्योदयसे यहांके श्रीसंघकी तरफसें नवीन जिनमंदिर ( देरासरजी ) तैयार हुआ है, उसकी प्रतिष्ठा तथा मूलनायक श्रीसिद्धक्षेत्र चिन्तामणि पार्श्वनाथजी, श्री नेमिनाथजी, तथा श्री मुनिसुव्रत स्वामीजी भगवानकी मूर्तियोंको तखत पर विराजमान करनेका, और इस रीतिसें ध्वजादंड, कलशकी स्थापना करनेका शुभमुहूर्त शुभ मिति वीर संवत् २४५९ विक्रमाब्द १९८९ का फागण शुदि ३

Loading...

Page Navigation
1 ... 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400