Book Title: Subhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Author(s): Bhavvijay
Publisher: Bhupatrai Jadavji Shah
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५२
मुनिराज श्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र.
बोली बोलीने लाभ लेवावाळा सद्गृहस्थोनां
शुभ नाम. १ शा जसाजी खुमाजी, गाम-धारवाड, मारवाडमां गाम वाधावाळा तरफथी रूपिया २२०१) बे हजार बसो एक आपी ध्वजा चडाववामां आवी; अने मूळ नायक श्री सिद्धक्षेत्र चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनेन्द्रनो भंडार पूर्यो.
२ शा धुराजी उमाजी. गाम-धारवाड, मारवाडमां गाम तखतगढवाळा तरफथी रूपिया ११२५) एक हजार एकसो पच्चीश आपी मूळ-नायकजीने इं९ चडाववामां आव्यु, अने भंडार पूर्यो.
३ शा पुनमचंद अमीचंद, गाम धारवाड, मारवाडमा गाम सेवाडीवाळा तरफथी रूपिया ५५१) पांचसो एकावन आपी मूळ-नायकजीना दंडनो चडावो बोली भंडार पूर्यो.
४ शा गजीगजी त्रिलोकचंदजी, गाम होलीआलुरवाळा तरफथी रूपिया १०५१) एक हजार एकावन आपी मूळनायक श्री सिद्धक्षेत्र चिन्तामणि पार्श्वनाथ प्रभुने गादी उपर बिराजमान कर्या, अने भंडार पूर्यो.
५ शा हजारीमलजी जीवराजजी, गाम मद्रासवाळा तरफथी रूपिया ५५१) पांचसो एकावन आपी श्री नेमिनाथ प्रभुने गादी उपर बिराजमान कर्या, भने भंडार पूर्यो.
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