Book Title: Shravak Dharma Anuvrata Author(s): Chandanmal Nagori Publisher: Chandanmal Nagori View full book textPage 7
________________ 08888888888888888888888888888 28.28.788888888886N श्रीमती पूज्या शासन हितैषिनी श्री कुसुमश्रीजी साहिबा की सेवा में मु० - बम्बई श्रीमती ! सद्गुण सम्पन्ना ! आप श्रीमती विदुषी प्रवर्तिनीजी महोदया की विद्वान शिष्याओं में से हैं, आपने बम्बई के चातुर्मास में ज्ञान प्रचार और नियम संयम में रहने के उपदेश से अच्छा प्रभाव डाला और इसी कारण संघ ने विनती कर दूसरा चातुर्मास करने की आज्ञा मांगली है । आप संघ उन्नति - ज्ञानदान और व्रत नियम संयम प्रति विशेष ध्यान देती हैं। अतः इन्हीं गुणों से आकर्षित हो इस वर्ष भी बम्बई में लाभ लिया जायगा । जिसकी विशेष प्रसन्नता है । 38698888888 98888888888 - प्रकाशक संस्था के कार्यवाहक Reecco.......88888NË Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70