Book Title: Shravak Dharma Anuvrata
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 41
________________ ३४ श्रावक धर्म-अणुव्रत तीसरा स्थूल अदत्तादान विरमण व्रत___ इस व्रत को लेते समय सावधानी से समझ लीजिये कि (१) किसी के यहां खात नहीं देना दूसरे से नहीं दिलाना (२) गांठ छोड कर वस्तु नहीं निकालना (३) जेब काट कर वस्तु नहीं निकालना (४) चोरी करने के हेतु ताला नहीं तोडना, किसी प्रकार से चोरी नहीं करना (५) धाडा डाका नहीं डालना (६) किसी की भूली हुई पडी हुई वस्तु छिपाना नहीं (७) राज शिक्षा दे ऐसी चोरी महसूल आदि की नहीं करना लोक व्यवहार का भय रखना। इस प्रकार के व्रत में पांच अतिचार का आना संभव है। प्रथम-(१) चोर के पास से चोरी की वस्तु जान बूझ कर लेना (२) चोर को चोर कर्म करने में सहायता देना (३) चोरी की वस्तु के रूप को बदलना, स्वच्छ वस्तु में अशुद्ध वस्तु का मिश्रण करना (४) राज्य की ओर से निषेध किया हो उस आज्ञा का भंग करने से (५) खोटे तोल माप रखने से अतिचार लगता है। Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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