Book Title: Shravak Dharma Anuvrata Author(s): Chandanmal Nagori Publisher: Chandanmal NagoriPage 44
________________ श्रावक धर्म-अणुव्रत ३७ w aaromomann से देखे, हाथ कुछ नहीं आता परंतु रूप और अङ्ग देखने से भाव बिगड जांय तो अतिचार (४) परविवाहकरण - औरों के लग्न-विवाह सम्बन्ध कराना (५) तीव्राभिलाषकामचेष्टा की तीव्र अभिलाषा करने से अतिचार लगता है । अतः अतिचारों से बचना चाहिये। Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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