Book Title: Sharavkachar Sangraha Part 4
Author(s): Hiralal Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ विषयानुक्रमणिका ५-११ १२-५३ १२ १. सम्पादकीय वक्तव्य २. श्रावकाचार-संग्रहके सम्पावनमें प्रयुक्त लिखित एवं मुद्रित प्रतियोंका परिचय ३. प्रन्थ और ग्रन्थकार-परिचय ४. चारित्रपाहुड श्रीकुन्दकुन्दाचार्य १. तत्त्वार्थ सूत्र-आचार्य उमास्वाति गृद्धपिच्छाचार्य २. रत्न करण्डक-स्वामी समन्तभद्र ३. कार्तिकेयानुप्रेक्षा-स्वामी कात्तिकेय ४. रत्नमाला-आचार्य शिवकोटि ५ पद्मचरित-आचार्य रविषेण ६. वराङ्गचरित-आचार्य जटासिंहनन्दि ७. हरिवंश पुराण-आचार्य जिनसेन प्रथम ८ महापुराण-आचार्य जिनसेन द्वितीय ९. पुरुषार्थ सिद्धयुपाय-आचार्य अमृतचन्द्र १०. उपासकाध्ययन-आचार्य सोमदेव ११. अमितगति श्रावकाचार-आचार अमितगति १२. चारित्रसार-श्री चामुण्डराय १३. बसुनन्दि श्रावकाचार-आचार्य वसुनन्दि १४. सावयधम्म दोहा-आचार्य देवसेन या लक्ष्मीचन्द्र (?) १५. सागारधर्मामृत-पं० आशाधर । १६. धर्मसंग्रह श्रावकाचार-पं० मेधावी १७. प्रश्नोत्तर श्रावकाचार-आचार्य सकलकत्ति १८. गुणभूषण श्रावकाचार-आचार्य गुणभूषण १९. धर्मोपदेशपीयूषवर्ष श्रावकाचार-श्री ब्रह्मनेमिदत्त २०. लाटी संहिता-श्री राजमल्ल २१. उमास्वामी श्रावकाचार-श्री उमास्वामी (?) २२. पूज्यपाद श्रावकाचार-श्री पूज्यपाद (?) २३. व्रतसार श्रावकाचार २४. व्रतोद्योतन श्रावकाचार-श्री अम्रदेव २५. श्रावकाचार सारोद्धार-श्री पद्मनन्दी २६. भव्यधर्मोपदेश उपासकाध्ययन-श्री जिनदेव २७. पंचविशतिकागत-श्रावकाचार-श्री पद्मनन्दि -orrrrrrr mmmmms Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 598