Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 39 Anuyogdwar Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
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आगम (४५)
[भाग-३९] "अनुयोगद्वार”- चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्ति:)
............. मूलं [१५३] / गाथा ||१२४-|| ..............
प्रत
सूत्रांक
अनुयो. मलधारीया
वृत्तिः उपक्रमे समवता०
[१५३]
॥२४७॥
गाथा
से किं तं खेत्तसमोआरे?, २ दुविहे पं०, तं०-आयसमोआरे अ तदुभयसमोआरे अ, भरहे बासे आयस० आयभावे स०, तदुभयसमोआरेणं जंबूद्दीवे समो० आयभावे अ, जंबूद्दीवे आयसमो० आयभावे समोअरइ, तदुभयसमोआरेणं तिरियलोए समोयरइ आयभावे अ, तिरियलोए आयसमोआरेणं आयभावे समोअरइ, तदुभयसमोआरेणं लोए समोअरइ आयभावे अ, से तं खेत्तसमोआरे । से किं तं कालसमोआरे?, २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-आयसमोआरे अ तदुभयसमोआरे अ, समए आयसमोआरेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोआरेणं आवलिआए समोयरइ आयभावे अ, एवमाणापाणू थोवे लवे मुहत्ते अहोरते पक्खे मासे ऊऊ अयणे संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुवे तुडिअंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अबवे हुहुअंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे णलिणंगे णलिणे
||१||
दीप
॥२४७॥
अनुक्रम [३२२-३२४]
१इतः बढोए गागरामोआरेण आयभाचे समोयरह, तदुभयसमोआरेणं अलोए समोयरइ मायभाये अत्यधिक प्र.
JamElication
पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-[४५] चूलिकासूत्र-२] अनुयोगद्वार मूलं एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति:
~505~

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