Book Title: Sachoornik Aagam Suttaani 07 Uttaradhyayan Niryukti Evam Churni Aagam 43
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 242
________________ आगम (४३) भाग-7 "उत्तराध्ययन”- मूलसूत्र-४ (नियुक्ति: + चूर्णि:) अध्ययनं [१४], मूलं [१...] / गाथा ||४४१-४९३/४४२-४९४||, नियुक्ति : [३६०...३७३/३६०-३७३], पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४३] मूलसूत्र-०३] उत्तराध्ययन-नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि: प्रत सुत्रांक [१] गाथा ॥४४१४९३|| उत्तरा०हमे इति ये साम्प्रतं गृहे वर्तन्ते, संपीडताः, सम्यक् पण्डिताः, अग्गरसानां सुखानां वराः प्रधानाः प्रभूता-बहुकाः, त एवं-10 गुणजातीए भुजामु ता कामगुणे पगामं, पज्जत्तियं काम, गमिस्सामु पहाणमग्गं पहाणमग्गो णाम शानदंसणचरित्ताणि, माझणी १४ प्रत्युक्ति दसविधो वा समणधम्मो, पहाणं वा मग पहाणमग, तीर्थकराणामित्यर्थः, पुरोहित आह'भुत्ता रसा०॥४७२-४०७॥ वृत्तं, के | dl कारीये ते भुत्ता, रसा भोगा इत्यर्थः, हे भवति जहाति तव यौवनमित्यर्थः, न असंजर्म, संजमठ्ठा जीवियणिमित्तं पजहामि भोगे, २२९॥ लाभ अलाभं च सुहं च दुक्खं संचिक्खमाणो सहमाण इत्यर्थः, करिस्सामि मोणं मुनिमावी मीनं, संयममित्यर्थः, माहणी | आह-'माह तुमं०॥४७३-४०७॥वृत्तं, मा पडिसेधे,ह पूरणे, समणो सोदरिया भाताति कामभोगा (वा) जुन्नी व हंसोणदीए। | पडिसोयं गतुं अचायतो अणुसोतमेव गच्छति, एवं तुमंपि दुरणुचरसंजममारवहणअसमत्थो भायादीण भोगाणं वा सुमरिहिसि, अतो | 'भुजाहि' कण्ठचं, पुरोहित आह-'जहा य भोई०४७४-४०८॥ वृत्तं, येन प्रकारेण यथा हे भोती! 'तनुजः' तनु:-शरीरं, भुजा|भ्यां गच्छतीति भुजङ्गः 'निम्मोअणि' कंचुकं 'हिच्चा छडेता 'पलाइ' गच्छति, मुत्तित्ति णिरवेक्खो, अपडिबद्ध इत्यर्थः, | 'एमए'त्ति एवमेते भुजङ्गवत् 'जाया' इति पुत्रा 'पयहंति भोए अत्यर्थ चयंति पयति, तेऽहं कहं नाणुगमिस्समिक्को, ४ाएगो रागहोसरहितो अहं सयणादी अवहाय, कहता अहं एगो अच्चाहामि?, 'छिदित्तु जालं०॥४७५-४०९।। वृत्त,जालं मच्छ जालं अपलं दुब्बलमितियावत् रोहिता मच्छा, एवं वयं मोहजालं छिदित्तु धरिवहति धुर्यः संयमधुरावहणसीला तपांसि उदा-1 २२९|| राणि-उत्तमानि वीरास्तपेश्वराः भिक्षोथरिया भिक्खुचरिया अतोतं धीरा हु भिक्वायरियं चरति, 'एवमेए'त्ति पुत्तेसु संजमणिहितमतीसु 'नहे च कुंचा०॥४७६४०९॥वृतं, णभे-आकासे कोंचाण पंतीओ आगच्छंतीओ तताओ-वितताओ दलेत्तु CAREECRACa दीप अनुक्रम [४४२४९४] ECECAR - R ॐात्र X [242]

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