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साध्वीश्री के लखनऊ चातुर्मास की स्मृति एवं वर्षीतप की पूर्णाहुति के निमित्त श्रावक श्रेष्ठ श्री अनिल जी जड़िया परिवार अपने अर्थ का सद्व्यय करते हुए एक ऐसी पुस्तिका समाज के हाथों में दे रहे हैं जो युग-युग तक भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करती रहेगी। उनके भावों की बहुत-बहुत अनुमोदना है।
साध्वी स्थितप्रज्ञा जी इसी तरह अध्ययन सेवादि कार्यों में संलग्न रहें, ऐसी शुभाकांक्षा है।
शासन सेविका
शशिप्रभा श्री कलकत्ता, चैत्री पूर्णिमा
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