Book Title: Ratna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan Author(s): Kapil Mohan Publisher: Randhir Prakashan Haridwar View full book textPage 6
________________ १. रत्न क्या है ? अनुक्रम रत्नों का महत्व रत्नों के विषय में पुराणों का कथन स्वर्गलोक की मणियाँ पाताल लोक की सर्पमणियाँ पृथ्वीलोक के रत्न ग्रहों के राशि क्षेत्र में रत्न Jain Education International ११ १२ १३ १३ १६ १७ सौर मण्डल का मनुष्य पर प्रभाव २. रत्नों से ग्रहों का सम्बन्ध ग्रहों के प्रभावी रत्न प्रमुख धातुएँ और रत्न परस्पर मित्र व शत्रु रत्न २८ भारतीय जन्म मास के आधार पर धारण करने योग्य रत्न २९ ३० ३० अंग्रेजी जन्म महीने के आधार पर धारण करने योग्य रत्न भारतीय जन्म राशि के आधार पर धारण करने योग्य रत्न पाश्चात्य मत से जन्म राशि के आधार पर धारण करने योग्य रत्न ३१ पाश्चात्य मत से सूर्य राशि के आधार पर धारण योग्य रत्न पाश्चात्य मतानुसार विभिन्न ग्रहों के विभिन्न धारणीय रत्न रत्नों के प्रतिकूल / अनुकूल की परीक्षा ३१ ३३ ३४ रत्न शुभाशुभ परीक्षा चक्र ३. रत्नों के रंगों का हमारे जीवन से सम्बन्ध लाल रंग (संचालक-सूर्य) For Private & Personal Use Only २१ २२ २६ २७ २८ ३४ ३५ ३५ www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 194