Book Title: Rajkukmar Shrenik Diwakar Chitrakatha 016
Author(s): Devebhdra Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 3
________________ राजकुमार श्रेणिक वैभार गिरी आदि पाँच पर्वतों की तलहटी में बसी मगध देश की राजधानी का नाम था कुशाग्रपुर। राजा प्रसेनजित वहाँ के शासक थे। वे २३वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के उपासक और बड़े वीर योद्धा थे। प्रसेनजित की कई रानियाँ थीं जिनमें प्रमुख थी कलावती। राजा के १०० पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र था श्रेणिक । एकबार राजा प्रसेनजित की सभा में सिंध प्रान्त के सौदागर तरह-तरह के घोड़े लेकर आये। घोड़े | देखकर राजा ने कहा EXENCE महाराज ! हाथ कंगन को आरसी क्या, परीक्षा के लिए घोड़ा तैयार है, परीक्षा ले लीजिये। Jain Erion International आपके घोड़े दीखने में बड़े सुन्दर लगते हैं? क्या दौड़ने में भी इतने ही तेज हैं? naaaa Onion सौदागर ने एक सफेद रंग का चपल घोड़ा राजा के सामने पेश किया। 1 For Private & Personal Use Only www.jalnelibrary.org

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