Book Title: Rajkukmar Shrenik Diwakar Chitrakatha 016
Author(s): Devebhdra Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 27
________________ तभी उसे उद्घोषणा सुनाई दी Watera Jen Education International राजकुमार श्रेणिक सुनो सुनो ! नगर जनों ! जो कोई वीर पराक्रमी पुरुष महाराज के पागल पट्ट हस्ती को वश में करेगा, उसे महाराज जितशत्रु मुँह माँगा पुरस्कार देंगे। re गज विद्या में निपुण श्रेणिक आगे आ गया। उसने पहले हाथी को खूब दौड़ाया। फिर उछलकर उस पर चढ़ा और अंकुश लगाकर उसे वश में कर लिया। हाथी का मद उतर गया। श्रेणिक ने उसे गजशाला में लाकर बाँध दिया। 25 For Private & Personal Use Only HO www.jainelibrary.org.

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