Book Title: Rajkukmar Shrenik Diwakar Chitrakatha 016
Author(s): Devebhdra Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 31
________________ राजकुमार श्रेणिक महामंत्री ने अपने विश्वासी गुप्तचर श्रेणिक की खोज में भेज दिये। श्रेणिक का चित्र लेकर गाँव-गाँव में पूछते और पता लगाते हुए एक गुप्तचर वेणातट में आ पहुँचा। नगर में घूमते हुए उसने एक राज-पुरुष से पूछा גרדו FRO CELL Mark भाई! तुमने इस चित्र वाले व्यक्ति को कहीं देखा है ? Jain Education International अरे ! यह तो अपना जँवाईराजा क्या मतलब? इसका नाम क्या है? इसका नाम तो किसी को नहीं पता, परन्तु सेठ सुभद्र का जँवाई है। यह बड़ा वीर, पराक्रमी और बुद्धिमान है। समूचे नगर में जँवाईराजा के नाम से ही प्रसिद्ध है। Kexexee CEEEE COC For Pr 29& Personal Use Only. प www.jainelibrary.org

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