Book Title: Rajkukmar Shrenik Diwakar Chitrakatha 016
Author(s): Devebhdra Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 10
________________ राजकुमार श्रेणिक. साहसी श्रेणिक ने भागे हुये राजकुमारों की थालियाँ कुत्तों की तरफ सरका दीं। कुत्ते उन थालियों पर टूट पड़े और श्रेणिक निर्भय निश्चित होकर अपना भोजन करता रहा। FRORS CECALLAR DSDSDSDS Jain Education International FOOD राजा और मंत्री महल के भीतर छुपकर यह दृश्य देख रहे थे। देखा महाराज, इन सब में राजकुमार श्रेणिक ही ऐसा साहसी और बुद्धिमान है, जो सब को खिलाकर खा सकता है। स्वजन और दुर्जन सब को सन्तुष्ट रखकर, अपने राज्य का भोग करते रहना ही राजा की विशेषता है। प्रसेनजित श्रेणिक की चतुराई देखकर प्रसन्न हो गये। For Privat 8& Personal Use Only www.jainelibrary.org

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