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बात रीसालूरी ____A हीवं राजा समस्त रातरै पूहर सभा जोडनै सारा ही उमरांवान, प्रधाननै भेला करै नै मनसूबौ पूछीयो--अब काई कीयौ चाहीजै । तठे इक प्रधान बोलीयो-श्री माहाराजा साहिबा ! सारा ही मनसोबा जाण देवौ। हु कहु सो कोज-प्रभातरै प्रो प्रधान प्रावै तरै श्री कुमरजीरा हाथरो षडौ(षांडो) मगाय नै नालैरं वंदावो ने जांनरी तारी करो। षाडो हाथीरे होद मेलने परणाय लावास्यां । इसी राजाजी सुन नै वात मांनी । साराहीरै वात दाय बेठी। अब सभा बोहोड नै मेहला दाषल हूवा ।
परभात हूवौ, तठे राजाजी सभा जोडी। तठे प्रधान नालेर लेने आया। तठे राजा समस्तजी बोलीया-जादौ, उप्रावा कुवररो य(षां)डो ले प्रावौ। तठे प्रधान संन ने बोलीया-श्रीमाहाराज ! सिलामत, पांडौ मंगावौ छौ ने कुमरजीन नही तेडौ, तीनरौ कांइ कारण छ ? तठे रातवालो प्रधान वो नामै 'जालमैसीघ' तिको वोलीयौ-श्री प्रधानना साहिबा ! मांहरै घररी पा रीत छै-'वालक बारै वरसमै हवै, तठा पछै सगलै माहादेवजीरी जात करै, तठा पछै तिन बालकरौ माता-पिता महडौ देषे । सौ कुमर वरस इग्यारमै हुवो छै, एक वरस घटै छ । तिणंसू आ रीत छै-माइत मूहडौ देषै नहीं। नैताहरै मनमै कोई भरम हुवै तो थे देष प्रावौ' । त, प्रधानै बोलीयौ-म्हारै कोई भरम नहो, थे करसौ सौइ ठीक छ । तठे राजा समस्तजी कहीयौ-प्रधांनां ! राजाजीरै जैज हूवौ तौ बारे बरसरो कुंवरनै हुणनै दैवौ, पछै सगाई करज्यो । तठे प्रधान बोलीया-कोई कारण नई, आप षांडो मगावी IA B दूहा- हुकम भलो माहाराजैरी, नालेर दीधां ताम बे।
जांन तयारी कीजीयो, ज्यं सीज सगलां काम बे ॥ १६ माहा[स]ज धरणी हकमथी, जैज न होवै काय वै । षासौ(डौ)वंदाबी पूजीयो, टीका अक्षत दाय बै ॥ २०
A-A. चिन्हमध्यगत पाठ ख. ग. घ. प्रतियों में निम्न वाक्यावली के रूप में ही द्रष्टव्य है___ ख. तद राजा समस्त कहो--वरस बारां माहे एक वरस थाके छे, सो कुवरनु बारे तो काढ़ां नही ने षडग मेलने परणावस्यां । ___ ग. बार वरसमै वरस एक घटै छै सो बारणे काढा नही। घ. तदी राजा समसत मनमै जांणौ-बारै वरस वरसमै एक घटै छ सो तो बारणे काढां नहीं ।
__B-B. ख. ग. घ. प्रतियों में चिन्हान्तर्गत १६ से ३४ पर्यन्त दूहे एवं ८ वीं वार्ता के स्थान में केवल निम्न पंक्तियाँ ही समुपलब्ध हैं
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