Book Title: Rajasthani Sahitya Sangraha 03
Author(s): Lakshminarayan Dixit
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 292
________________ . क्रमांक क्र. परिशिष्ट २ (क) [ २२३ पृष्ठाङ्क पद्याङ्क पृ० ५० कारत सेल प्रभाग लियूं ३७-२६६ २१ मिणी माणकं हेम ताटक मंडै १३-१०५ २ तीन प्राक्रम येक तुरंगम यूं, भण २२ मुषं मंडलं जोति सोभा बिमोहं नाम स नीलबिडंगम यूं १६-१३५ १३-१०६ छन्द उधोर-अनुक्रम ल २३ लस लोचनं षंजनं मीनलीला १३-१०१ १ प्रति मीठा बोलत्त मोर, सुभ करत्त कोयेल सोर २ अदभुत सुभट अपार, उतंग अमल १६-१३४ उदार २४ विभूषे सरीरं पटं नीलबंदं १४-११८ भ २५ सुरंगं दुती नाभि गंभीर सोहै १४-११४ ३ भणिया किम बिडंग, अदभुत प्राक्रम अंग १७-१३७ गीत-अनुक्रम २६ हिये फूलमालं कोये होरहारं १४.११३ . छन्द झमाल-अनुक्रम १ प्रोहित बगसीरांम भमर छ कीतको ७-५६ गाथा चोसर-अनुक्रम १ ऊजाल म छुठे जग क्रोधबांन मह बोला वीर जंग ३६-२७१ घ २ घरे घण कटक चीख घोटे चढि झाला चहूंचांग ४०-२७४ ३ घुरे त्रमाला मचायो जंग मेवाड़ चौरवो घाट वुयो जिण ३६-२७० १ उसण येक गजमुंष लंबोदर १-२ चंद्रायणो-अनुक्रम ४ चंद्रहासांक षागां प्रचंडा झुंड बोर ३६-२७२ चाल १ ऊदयापुरमै पायक प्रोहित येरसों १०.८४ त्रोटक-अनुक्रम ५ बागी घमचाल कटक दो हुऐ वेल कढि किरमाल कराली ३७-२६७ ६ षरे गोषालानु मार मंडे फूलधारा बैत धरैगो ३९.२७३ १ अब राव बाहादर कोप कियं, लल- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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