Book Title: Rajasthani Sahitya Sangraha 03
Author(s): Lakshminarayan Dixit
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 290
________________ क्रमांक च ११ चढे रीस चष चोल मुंछ मिल भ्रगट भ्रमांवत १२ चोपदार सुण बचन प्रोहित ऊसस पृष्ठांक पद्यांक ज १३ जगमंदर इंम जोप राण भीमेण विराजत ध १४ धमकत पग घुघरा तडत दमकंत १५ धरण फोड धडे धडे गहिर गडे त्रमागल प १६ प्यारी महल प्रजंक पर ससेज फूल पर १७ प्रोहित पण प्रकार साधने बात सुनाई १६ प्रोहित लषियो प्रगट श्राज तीजां श्राडंबर ब १६ बा बात करता यतै पणि प्रोहित प्राय भ २० भीमरांण सांभले कहर प्रजले कोप कर म र २२ रचे बाहादर रावं गवणत्र व ट गरज्ये Jain Education International परिशिष्ट २ (क) ३१-२४१ ३०-२३४ २६-२३३ ४३-३१२ ३६-२६५ ४१-२८६ २३-१६३ ३४-२५६ २१ मरत नीर बिन मीन आप बिन मो दुष ऐसी ३६-२६३ ३६-२६१ ३४-२५५ ३३-२४८ क्र० २३ रण केते नर रहे जिते भड सनमुष जुंढे २४ रति बिलास अनुराग करत निस-वन कैतूहल स २५ सoियां तणें समाज ललित गहणां नीलंबर २६ सीतल जल थल सरस पवन सीतल ऊतर पर २७ सुरात गवर संक्रमी झणण श्राभूषण भमकत ह २८ हणण मांच हैमरांग गणण घोषा रखे डूंगर २९ होरा मनमैं प्रति हरष बिवध पोसाष बनाई कुण्डलिया अनुक्रम उ १ उण गदीक ऊपरें राजत बगसीराम २ उदिय्यापुरकी छब अधिक संपति नगर समाज च ३ चहुँ तरफां बणि चौहटो, घटा तंग अखंड त ४ तीज तणें उछ्व तर्ट, बांचौं घण बषाण द ५ दरवाजा बणिया दुगम, कीना लोकपाट For Private & Personal Use Only [ २२१ पृ० प० ३८-३६६ ५०-३६० १४- १२१ ४१-२० २०.२०६ ३६-२६४ ३४-२५८ ११-८६ १-४ २-७ ७-५६ १-५ www.jainelibrary.org

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