Book Title: Pudgal kosha Part 1 Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya Publisher: Jain Darshan Prakashan View full book textPage 6
________________ संकलन-सम्पादन में प्रयुक्त ग्रन्थों की संकेत सूची अणुत्त०-अणुत्तरोववाइयदसाओ चंद-चंदपण्णत्ति अणुओ० - अणुभोगद्दाराइ चतु०-चतुर्विशतिस्तवन अंत.-अंतगडदसाओ जंबु०-जंबुदीवपण्णत्ति अभिधा-अभिधान चिन्तामणिकोश जीवा०—जीवाजीवाभिगमे अणुओ• हारि०-अणुओगद्दाराई जैनसिद्धी-जैन सिद्धान्त दीपिका ___ हारिभद्रीय टीका ठाण-ठाणं आप्ते.-आप्ते संस्कृत छात्र कोष ठाण. टीका-ठाणं-अभयदेवसूरि टोका अभिधान-अभिधान राजेन्द्र कोश तत्त्ववृ०-तत्त्ववृत्ति आया०-आयारो तत्त्व०-तत्त्वार्थसूत्र आहेतद०-आर्हत दर्शन दीपिका तत्त्वराज.-तत्त्वार्थ राजवार्तिक आव०-आवस्सयं सुत्तं तत्त्वश्लोक-तत्त्वार्थश्लोकवात्तिकाउत्त-उत्तज्झयणाई लंकार उत्त० टीका-उत्तज्झयणाइ टीका तत्त्वसवं-तत्त्वार्थ सर्वार्थसिद्धि उवा०-उवासगदसाओ. तत्त्वसिद्ध०-तत्त्वार्थ सर्वार्थसिद्धि उवा० टीका-उवासगदसाओ टीका तत्त्वभाष्य०-सभाष्य तत्त्वार्थ सूत्र ओव०-ओववाइयं सुत्तं तुल•- तुलसी प्रज्ञा कप्पव०-कप्पवडंसियाओ . दसवे०-दसवेआलियं कप्पसु०-कप्पसुत्तं दसासु-दसासुयक्खंधो कप्पि.-कप्पिया ध्याको०-ध्यानकोश ( अप्रकाशित ) कर्मप्र-कर्म प्रकृति नंदी०-नंदीसुत्तं कर्म-कर्म ग्रन्थ णाया.-णायाधम्मकहाओ कसायपा०–कसायपाहुडं निरि.-निरियावलियाओ क्रियाको.-क्रिया कोश निसी-णिसीहं कम्मगो०-गोम्मटसार (कर्मकाण्ड ) नियम-निययसार गोक०-गोम्मटसार ( कर्मकाण्ड ) निय-नियमसार गोजी.-गोम्मटसार ( जीवकाण्ड ) पण्ण-पण्णवजासूत्तं प्रज्ञा-प्रज्ञापना सूत्र पण्ण. टीका-पण्णवणा टीका जीवा. टीका-जीवाजीवाभिगमो टीका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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