Book Title: Pudgal kosha Part 1
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 5
________________ समर्पण महामहिम अणुव्रत अनुशास्ता युग प्रधान आचार्य श्री महाप्रज्ञ हमारे निर्णायक रहे हैं। जीवन की नाव आवों से बचकर, ज्वारों को लांघकर जो मंजिले पार कर रही है, उसमें निर्यायक का कौशल एक अप्रतिम हेतु भी है। युगप्रधान आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने तेरापंथ धर्म संघ में साहित्य की अनेक धाराओं का सूत्रपात किया है। जिन्होंने मेरे मन में श्रुत की धार प्रवाहित की, उन प्रेक्षा प्रणेता तथा जीवन विज्ञान के प्रस्तोता आचार्य महाप्रज्ञ को पुद्गल कोश को सादर सक्ति, सविनय समर्पित करता हुआ अपूर्व आनन्द का अनुभव कर रहा हूँ। -श्रीचंद चोरड़िया, कलकत्ता Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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