Book Title: Prashno Ke Uttar Part 2
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 5
________________ प्रकाशकीय .. हम सहर्प पाठकों के कर-कमलों में श्रद्धय श्री ज्ञान-मुनि जी महाराज द्वारा विनिर्मित 'प्रश्नों के उत्तर" का द्वितीय खण्ड प्रस्तुत कर रहे हैं । इस पुस्तक का प्रकाशन हमारा प्राथमिक प्रयास है। ऐस०एस० जैन बरादरी लुधियाना द्वारा निर्वाचित "प्राचार्य श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति" का निर्माण हुए अभी थोड़ा समय हुआ है । हमें हादिक प्रसन्नता अनुभव हो रही है कि इस समिति ने अल्प समय में ही यह अनुपम' ग्रन्थरत्न पाठकों के समक्ष ला . दिया है। उक्त समिति का मूल उद्देश्य महामहिम, जैनधर्म-दिवाकर, साहित्यरत्न, जैनागम-रत्नाकर, जैनजगत के मनोनीत अध्यात्म नेता आचार्य-सम्राट् परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज द्वारा लिखित, अनुवादित तथा सम्पादित ग्रन्थों को ' प्रकाशित करना है। इसके अलावा, यह समिति अन्य सुप्रसिद्ध .. मनोनीत लेखकों की अध्यात्म कृतियों को भी प्रकाशित करने का . .. विचार रखती है । वस्तुत: समिति का ध्येय तो ऐसे सुगम साहित्य : का निर्माण करना है जो मानव का भविष्य सुन्दर, सुखद और स्वस्थ बना सके। . .. . .. .. प्रस्तुत पुस्तक "प्रश्नों के उत्तर" दो खण्डों में विभक्त है। . प्रथम खण्ड. छप. चुका है। यह द्वितीय खण्ड अाप की सेवा में ... : उपस्थित है। परमश्रद्धय आचार्य भगवान पूज्य श्री आत्माराम जी । . महाराज के सुशिष्य प्रसिद्ध वक्ता, श्रद्धेय श्री ज्ञान मुनि जी महाराज ने प्रथम खण्ड की भांति इस द्वितीय खण्ड में भी समय-समय पर... .. सामने आने वाले प्रश्नों को लिख कर उनके उत्तर तैयार किए हैं। ...

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