Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________
अडसयरि महाणईओ
अणसणसहावजोगा जह अडसयरि महाणईओ (ल.क्षे.) ६४ अणगारपकप्पाणं (आरा.३)१०५ अण मिच्छ मीस सम्मं, (क-५)९९ अडसयरिविणा मणुए (क.सं.) १४५ अणगारप्पाउगा बिट्ठाण- (कर्म.) ९६ अणमिच्छमीससम्मं अट्ठ (प्र.सा.) ६९४ अडसहसलक्खणधरा, (आरा.१)२४४ अणगारुवउत्ताणं सागारुव- (प्र.पा.) ७६ अणमिच्छमीससम्म अट्ठ (प.स्था.)५७ अडसागरट्ठिईया लोगंतिय (कृष्ण.) १२ अणचउगं मिच्छत्तं थीणतिगं (श.भा.) २२८ अणमिच्छमीससम्माण (पं.सं.) ८७३ अडसी इगसी छसयरि, (सप्त.) २४१ अणचउवीसविरहिया, (क-३) ७ अणरहियकसायतिगं वेओ (स.सा.) ११ अडसीई बाणउई, अट्ठासीइ (त्रै.दी.) १७६ अणचउवीसाइ विणा, (क-३) १५ अणलादिअणुभवातो तह (ध.सं.) ३०२ अडसीछलसीसीई (क.सं.) १४९ अणचिंतिय कत्थ वि पडइ (श्रुता.) ९३ अणवगमम्मि य परमोह- (ध.सं.) ६६९ अडसीती बाणउई, (दे.प्र) २०३ अणच्चाविअमवलिअम- (पंच.) २३९ अणवच्चे सेसविही पुव्वा- (प्रत्या.) २७५ अडसी नवसी दुनवइ (स.भा.) १६४ अणढियं च, थड्ढे च, पविद्धं, (गुरु.) २३ अणवज्जं पव्वज्जं पवज्जिउं (आरा.१)७९१ अडसीया अट्ठसया बत्तीस- (अं.स.) ३२ । अणतित्थुव्वलणाणं (पं.सं.) ५६७ अणवज्जाहाराणं, साहूणं (भो.पू.) १० अडसीलक्खा चउदस- (ल.क्षे.) २४७ अणतिरिनारयरहियं बायाल (क.भा.) २६ ।। अणवटुप्पो य तवो (ति.गा) ८०३ अडसुन्न पंच चउ छग नव (सि.सा.)१३५ अणत्थाणं महाठाणं, (श्रा.दि.)३१२ अणवट्ठिअमुस्सुत्तं, (गु.त.) ३२११७ अड्डथरं १ फुल्लियओ २ (प्रा.वि.)४ अणथोवं वणथोवं, (सं.सि) १०८ अणवट्ठिआइया ते पल्ला (सि.सा.)१७३ अड्डभरहमज्झिल्लतिभागे (ति.गा) ७१ अणथोवं वणथोवं, अग्गी- (हि.उ.) ५१५ अणट्ठिओ १ पमत्तो (उप.) ११४ अड्डाइआण दुण्ह वि (अं.स.) ४८ अणथोवं वणथोवं, अग्गी- (सं.श.) ८१ अणवट्ठियं मणो जस्स, (उव.) ४८६ अड्डाइएहि भायं हरिज्जए (गणि.) ५६ अणदंसनपुंसित्थि, वेयछक्कं (सं.श.) ५४ अणवत्थाई दोसा गुरुआणा- (य.स.) १३८ अड्डाइज्जगुणत्ते आयामो (अं.स.) ३३ अण दंस नपुंसित्थी, (क-५) ९८ अणवरयगुणब्भासो परत्थ (सा.उ.) ११ अड्डाइज्जगुणत्ते नयरीओ (अं.स.) ४७ अणदंसनपुंसित्थी वेय (प.स्था.)५६ अणवरयदाणसीलो नलिण- (ति.गा) १०८५ अड्ढाइज्जसएहिं गएहिं (प्र.सा.) ४०४ अणदंसनपुंसित्थीवेयछक्कं (प्र.सा.) ७०० अणवस्यभवमहापहपयट्ट- (भ.भा.) ४८४' अड्डाइज्जा दीवा, दुण्णि (त्रै.दी.) ८६ अणदंस नपुंसित्थी वेयछक्कं (वि.सा.)३६३ अणवस्यमणइयारं सुहेण (आरा.२)६१ अड्डाइज्जा दीवा दुन्नि (सि.सा.)१८ अणपन्निय पणपन्निय (प्र.सा.) ११३१ अणवरयमरणरणरणयभीसण (सं.मा.) १३८ अड्डाइज्जा दीवा, दोन्नि (बृ.क्षे.) ४ अणपन्नी पणपन्नी, इसिवाइ (बृ.सं.) ४० अणवरयमविस्सामं, कइया (चा.म) ४ अड्ढाइज्जा दीवा पन्नरस (वि.मं.) २० अणबंधविगमि सतरस (स.सा.)६ अण विणु तिन्नि कसाया (स.भा.) २७ अड्डाइज्जा य दुवे, अद्भुट्ठा (बृ.क्षे.) ४६७ अणभिओगेण तम्हा, (पु.मा.) ३४१ अणवि(भि)ह[य] अभिहया (ज.पा.) ५३ अड्ढाइज्जा य सया (जी.स.)२३७ अणभिग्गहिआईण (ध.प.) १० अणसणपडिवत्ती पुण (आरा.१)४८ अड्डाइज्जा हत्था दीहा- (पंच.) ८०६ अणभिग्गहिआ भासा, (भा.र.) ७१ अणसणभेयाइ तवो, (नव.) ११. अड्डाइज्जा हत्था दीहा (प्र.सा.) ५०३ अणभिग्गहियं पुण कुदिट्ठि- (सं.प्र.) ९०७ अणसणमाई य तवो (च.मू.) ४५ अड्डाइज्जा हत्था दीहा (वि.सा.)२०३ अणभिग्गहियकुदिट्ठी (प्र.सा.) ९५९ अणसण-मुणोयरिया, (हि.उ.) १८८ अड्डाइज्जा हत्था दीहा (गाथा.) ५४४ अणभिग्गहिया भासा (प्र.सा.) ८९५ अणसण मूणोअरिआ, (न.त.) ३४ अड्डाइज्जेहिं राइदिएहि (ऋषि.) प्र.।२३ अणभिनगगव(हते य (ज.पा.) ३१५ अणसणमूणोअरिआ वित्ती- (पंच.) ८४५ अड्डाइज्जेहिं राइदिएहिं (वि.सा.)२७७ अणभिनिवेसाओ पुण (पंचा.) ५४२ अणसणमूणोअरिया (प्र.सा.) २७० अड्डाइ दिवसेहिं अंगुल (र.सं.) २९० अणभिनिवेसी एसो, (षट्) ५३ अणसणमूणोयरिया, (न.भा.) ९१ अड्डाइयदिवसेहिं पडई चडई (प.स्था.)४३ । अणभिहते आकारे, (ज.पा.) ३१६ अणसण मूणोयरिया (आरा.२)१३६ अड्डाइयस्स वग्गं सतिहा (गणि.) ५८ अणभिहदा संजुत्ता, (ज.पा.) २४६ अणसणमूणोयरिया (प्र.सा.) ५५९ अड्ढा भोगासत्ता दुग्गय (जी.प्र.) ३७ अणभिहया अनि(याभि)हया (ज.पा.) ५२ अणसण१ मूणोयरियार (र.सं.) ३४० अणंतकायं बहुबीयवत्थु, (श्रा.दि.)२२४ अणभोगमेगमिच्छं (मा.बं.) ३३ अणसणमूणोयरिया (वि.सा.)२८७ अणंतगुणिया हवंति (श.भा.) १०८८ अणभोगमेगमिच्छं (मा.बं.) ६२ अणसणमूणोयरिया, (नव.३) २४ अणअप्पच्चक्खाणपच्च- (ध.सं.) ६१४ अण मज्झागिइ संघयण, (क-३)३ अणसणमूणोयरिया, (नव.४) ८० अण अप्पच्चक्खाणा पच्च- (श्रा.प्र.) १७ । अणमज्झागिइसंघयणचउ (क-२) ५ अणसणमूणोयरिया वित्ती- (पंचा.) ८९८ अणइसईण पुणाइ (वि.ण.) २८५ अणमन्नंतो नियगुरुवयणं (गु.श.) ७७ अणसणमूणोयरिया वित्ती- (सं.प्र.) १२६५ अणउदयरहियमिच्छे, (पं.सं.) १९४ अण मिच्छ मीस सम्म, (सं.श.) ५५ अणसणमूणोरिया वित्ती- (च.मू.) १२ अण एगिदियजाइ, (क.प्रा.२) २६ अणमिच्छमीससम्म, (क.प्रा.२)६ अणसणरम्मं तारं भव्वं . (सं.प्र.) १५७४ अणएज्जं निमिणं (क.प्रा.२) ५२ अणमिच्छमीससम्म (क.प्रा.२) ४३ अणसणविहिं असेसं (आरा.१)५४७ अणग मयणप्पलाहे (द्र.प.) १११ अण मिच्छ मीससम्म (वि.सा.)३६५ अणसणसहावजोगा जह (अ.प.) २५
१०
Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 ... 446