Book Title: Patan Chaitya Pparipati
Author(s): Kalyanvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 33
________________ किया वासमा केटलां देहरां अने केटली प्रतिमाओ छे, ते प्रत्येकनी तेम ज सर्वनी संख्या परिवाडीना सारमां. ते ते स्थले जणाधी दीधी छे. एटलं छतां पण वासोना. नामनी साथे चैत्य अने प्रतिमासंख्यान कोष्टक आ नीचे आपवामां आवे छे. एनी नीचे सं. १७२९ ना वर्षमा बनेली चैत्यपरिवाडीमां जगावेल वास, चैत्य अने बिंबनी संख्यान कोष्टक अने ते पछी वर्तमान समयना पाटणना वास अने चैत्यसंख्या जणावनाएं कोष्टक आपवामां आवशे, जे उपरथी सं. १६४८ मां पाटणनी शो दशा हती. १७२९ मां तेमां केटलो फेर पडयो अने वर्तमानमां पाटणना चैत्योनी केटली संख्या छे-ए सर्व जाणवालु घणुं सुगम थइ पडशे. सं. १६४८ मां बनेली प्रस्तुत चैत्यपरिवाडीने अनुसार . श्रीपाटण-चैत्य-प्रतिमा-कोष्ठक १ Pos नं० वासनाम चै० प्र० नं० वासनाम १ ढंढेरवाडो ११ ५५६ ७ नागमढ १ ९ २ कोकानो पाडो ३ २६६ / ८ पंचासर ३ खेतरपालनो पाडो१ १६७ ९ उंची शेरी ४ जगुपारेखनो पाडो२ १५ | १० ओशवाल महोल्लो ३ ३१ ५ पहेली खारी वाव १ ४ | ११ पीपलानो पाडो १ ५ ६ बीजी खारी वाव १ १३ । १२ चिंतामणिनो पाडो ३ ९५

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