Book Title: Patan Chaitya Pparipati
Author(s): Kalyanvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library
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११४
भास
शाणापुर सिरि वद्धमाण, निभइ भयवारण | मुणिसुव्वय पहु पूजीयइ ए, गइनिज्जियवारण || ७ || नाराद्रह सिरि वीरनाह, भवतिमिर दिणेसर | ओढापुर मुखमंडणउए, सिरि वीर जिणेसर ॥ ८ ॥
ढाळ
सीरोही सुरपुर अवतार, गढमढ मंदिर पोलि पगार । कण कलस धजदंड विसाल, दीसइ देउल नयण रसाल ||९|| खरतरवसहि संति जिणंद, भविय-कमल पडिबोहदिणंद । त्रिहु चेइ सिरि आदिजिनंद, अजियनाह किरि पूनिमचंद ॥ १०॥
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भास नाभिराय - घरि सोहलउ ए, सामिय रिसह जिणंद । मंकोss थिरथी र उ ए तिहुयण नयणानंद ॥ ११ ॥ मंडवाड पहु पासजिण, कज्जल कोमल काय । नीतोडइ सिरिआदिपहो, सुरनर वंदिय पाय ॥ १२ ॥ पोसोनई सिरि पढमजिण, बिहुं चेइ सिरि संति | पास वीर रंगि पूजीयइ ए, टालइ निज मनि भ्रंति ||१३|| मटोss महिमानिलउ ए, सोहग सुंदर पास । महाबीरपहु आगियर ए, तोडइ भवदुह पास ॥ १४ ॥ नयर वडाली संतिजिण, तिहुयण पणमिय सामि । इडर नयर दुन्नि जिण, रिसह पास सिवगांमि ॥ १५ ॥ itsvg भेटिय ए, ओडा नयर मझारे । अट्ट कम्म अरि निजणीय, जो पहु गउ भवपारे ॥ १६ ॥

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