Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji

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Page 635
________________ स्वामी कार्तिकेय वि.सं. 6 वीं शती स्वामिकार्तिकेयानुप्रेक्षा श्रावकधर्म (प्रा.) पद्मचरितका श्रावकाचार आ. अमृतचन्द्र आ. हरिभद्र श्रावकप्रज्ञति (सावयपण्णति) श्रावकधर्मविधि प्रकरण वि.सं. 10 वीं शती वि.सं. 8 वीं शती वि.सं. 8 वीं शती 8 वीं शती वि.सं. 8 वीं शती आ. हरिभद्र हरिभद्रसूरि आ. जहासिंहनन्दि श्रावक-समाचारी वरांगचरितका श्रावकाचार हरिवंशपुराणका श्रावकाचार आ. जिनसेन वि.सं. 8-9 वीं शती वि.सं. 9 वीं शती महापुराणान्तर्गत श्रावक-धर्म आ. जिनसेन चारित्रसार में वर्णित श्रावकाचार चामुण्डराय वि.सं. 10 वीं शती के पूर्वार्द्ध पुरुषार्थसिद्धयुपाय वि.सं. 10 वीं शती भावसंग्रहगत श्रावकाचार आ. अमृतचन्द्र देवसेन/लक्ष्मीचन्द्र देवसेन वि.सं. 10 वीं शती सावयधम्मदोहा (अप.) वि.सं. 10-11 वीं शती सोमदेवसूरि वि.सं. 1016 जिनेश्वरसूरि वि.सं. 11 वीं शती यशस्तिलकचम्पूगत उपासकाध्ययन (स.) षट्स्थान प्रकरण (प्रा.) श्रावकप्रायश्चित्त अमितगति श्रावकाचार (स.) (अपरनाम उपासकाचार) . श्रावकसमाचारी तिलकाचार्य लगभग 12 वीं शती आ. अमितगति वि.सं. 12 वीं शती का उत्तरार्द्ध वि.सं. 12 वीं शती जिनचन्द्रसूरि श्रावकधर्म कुलक वि.सं. 12-13 वीं शती देवसूरि देवगुप्ताचार्य श्रावक समाचारी लगभग वि.सं. 13 वीं शती 613 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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