Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji

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Page 680
________________ 40 श्रमणी-प्र. सज्जनश्रीजी म. अभिनन्दनग्रन्थ शशिप्रभाश्री जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ, जयपुर सन् 1989 41 साध्वी डॉ. विनीतप्रज्ञा सन् 2002 उत्तराध्ययनसूत्र : एक दार्शनिक अनुशीलन श्री चन्द्रप्रभु महाराज जुना जैन मन्दिर ट्रस्ट, चेन्नई 42 श्रमणसर्वस्व प्र.सज्जनश्री पुण्य सुवर्ण ज्ञानपीठ, जयपुर वि.सं. 2027 43 बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल सन् 2002 आ. हरिभद्रसूरि के ग्रन्थों में शोधार्थी श्रीमती अपर्णा चाणोदिया। श्रावकाचार आर्या प्रियदर्शनाश्री चातुर्मास प्रबन्ध समिति, कलकत्ता सन् 1993 श्रावक के बारह व्रत एवं चतुर्दश नियम अथर्ववेद 45 श्रीराम शर्मा आचार्य संवत् 2056 ब्रह्मवर्चस् शान्तिकुंज हरिद्वार (उ.प्र.) डॉ. चमनलाल गौतम संस्कृति ख्वाजा 46 बीस स्मृतियाँ श्रीराम शर्मा आचार्य सन् 1994 कुतुब बरेली 47 वाल्मिकी रामायण संवत् 2057 48 देवचन्द्र चौबीसी सन् 1989 49 अष्टकप्रकरण सन् 1997 50 षोडशकप्रकरण वि.सं. 2042 विशिका सन् 1911 महर्षि वाल्मिीकी प्रणीत (प्रथम भाग) गोबिन्दभवन कार्यालय गीताप्रेस गोरखपुर प्र.सज्जनश्री प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर जैन श्वतोम्बर नाकोड़ा तीर्थ, मेवानगर हरिभद्र सूरि पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी हरिभद्र सूरि दिव्यदर्शन प्रकाशन अहमदाबाद हरिभद्र सूरि दिव्यदर्शन प्रकाशन अहमदाबाद हरिभद्र सूरि अनु. डॉ. दीनानाथ शर्मा पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी संपा. डॉ. सागरमल जैन आचार्य हरिभद्र सूरि विजय भुवनभानुसूरि दिव्यदर्शन ट्रस्ट कुमारपाल बी.शाह 68, गुलालवाड़ी, मुम्बई हरिभद्रसूरि जैन धर्मप्रचारक सभा, भावनगर (गुज.) हरिभद्रसूरि पीपदिया बजार ब्यावर 52 पंचाशकप्रकरण सन् 1997 53 योगदृष्टिसमुच्चय वि.सं. 2042 सन् 1911 54 योगबिन्दु ___हरिभद्र के योग चतुष्टय ग्रन्थ भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली सन् 1944 56 षड्दर्शन समुच्चय 57 शास्त्रवार्ता समुच्चय हरिभद्रसुरि – डॉ. महेन्द्र कुमार जैन हरिभद्रसूरि जैन धर्मप्रचारक सभा, भावनगर (गुज.) सन् 1964 656 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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