Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji

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Page 641
________________ --"-- वर्तमान के आचार्यों का प्रत्याख्यान से सम्बन्धित साहित्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। प्रत्याख्यान से सम्बन्धित साहित्य सूची निम्न प्रकार से है - कृति कृतिकार कृतिकाल सूत्रकृतांगसूत्र उपदेष्टा भ. महावीर ई.पू. छटी शती आवश्यक सूत्र --"-- आवश्यक नियुक्ति आ. भद्रबाहु ई.पू. 4 थी शती आतुरप्रत्याख्यान अज्ञातकृत ई.पू. 3 री शती मूलाचार वट्टेराचार्य लगभग 5 वीं 6 टी शती अराहणा पाणीतलमोजीशिवार्य लगभग 5 वीं 6 टी शती विशेषावश्यक भाष्य जिनभद्रगणि लगभग 6 टी शती आवश्यकचूर्णि जिनदासगणि 7-8 वीं शती निशीथचूर्णि जिनदासगणि महतर 7-8 वीं शती अष्टकप्रकरण आ. हरिभद्र 8 वीं शती पंचवस्तुक हरिभद्रसूरि 8 वीं शती आतुरप्रत्याख्यान (तृतीय) वीरभद्राचार्य 10 वीं शती आराहणा पताका वीरभद्राचार्य 10 वीं शती पच्चक्खाणसरूप यशोदेवसूरि वि.सं. 1182 प्रवचनसारोद्धार नेमिचन्द्रसूरि वि.सं. 1216 समाचारी तिलकाचार्य लगभग 13 वीं शती अनगार धर्मामृत पं. आशाधर प्रायः 14 वीं शती श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति देवेन्द्रसूरि प्रायः 14 वीं शती जइ (यति) समाचारी भावदेवसूरि वि.सं. 1412 आचारदिनकर वर्धमानसूरि वि.सं. 1463 षडावश्यकबालावबोध तरूणपत्रसूरि प्रायः 15 वीं शती प्रतिक्रमणगर्भ हेतु जयचन्द्रसूरि वि.सं. 1506 619 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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