Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji

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Page 647
________________ आचारदिनकर प्रश्नोत्तर श्रावकाचार षडावश्यक बालावबोधवृत्ति पुरुषार्थानुशासनगत श्रावकाचार श्री पद्मकृत श्रावकाचार धर्मोपदेशपीयूषपर्वश्रावकाचार तारणतरणश्रावकाचार समाचारशतकम् समाचारी प्रकरण ज्ञानानन्द श्रावकाचार धर्मसंग्रह धर्मसंग्रह श्रावकाचार दौलतराम श्रावकाचार भावसंग्रहगत श्रावकाचार किशनसिंह श्रावकाचार उपासकाध्ययन भव्य धर्मोपदेशउपासकाध्ययन 11. आचारांग सूत्रकृतांगसूत्र Jain Education International वर्धमानसू आ. सकलकीर्ति - तरूणप्रभसूर पं. गोविन्द श्री पद्मकवि मुनि ब्रह्मनेमिदत्त तारण तरणस्वामि समय सुन्दरगणि यशोविजयजी पं. रायमल्ल मानविजयगणि पंडित मेधावी दौलतरामजी पं. वामदेव किशनसिंह सोमदेवसूर जिनदेव साधु धर्म विधि पंचाशक यह पंचाशक जैन साधु के सामान्य आचार से सम्बन्धित है। जैन आचार्यों ने साध्वाचार से सम्बन्धित विपुल साहित्य का निर्माण किया । इसके कुछ प्रमुख ग्रन्थ निम्न हैं कृति कृतिकार उपदेष्टा भ. महावीर वि.सं. 1363 15 वीं शती For Personal & Private Use Only 15 वीं शती 16 वीं शती वि.सं. 1615 16 वी शती वि.सं. 1645 17 वीं शती 17 वीं शती 17 वीं शती 1731 वि.सं. 1795 वि.सं. 1795 वि.सं. 1718 19 वीं शती 11 वीं शती अज्ञात कृतिकाल ई.पू. 6 टी शत ई.पू. 6 टी 625 www.jainelibrary.org

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