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न्यायबिन्दोर्विषयानुक्रमणिका
भूमिका।
११.
विषय (१) प्राथमिक निवेदन .. (२) बौद्धन्यायके इतिहासपर एक दृष्टि
धर्मोत्तराचार्य (३) धर्मकीर्ति
उसका जीवन चरित्र धर्मकीर्ति और कुमारिल उसकी दिग्विजय उसका समय
उसकी रचनायें (४) धर्मकीर्तिकी सम्प्रदाय (५) धर्मकीर्तिका बौद्ध न्यायमें स्थान (६) धर्मकीर्ति कृत दिग्नागका खण्डन
इष्टविघातकृत् विरुद्ध विरुद्धाव्यभिचारी .
दृष्टान्तका कार्य (७) न्यायबिन्दु तथा उसका न्याय
प्रथम परिच्छेद द्वितीय परिच्छेद । स्वभाव, कार्य और अनुपलब्धि तृतीय परिच्छेद । . ....
असिद्ध, विरुद्ध और अनैकान्तिक , (८) न्यायबिन्दु में बौद्ध दर्शनके सिद्धान्त
धन्यवाद
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