Book Title: Nabhak Raj Charitram Bhashantar
Author(s): Merutungasuri
Publisher: Dosabhai Lalchand Shah

View full book text
Previous | Next

Page 32
________________ %3 वामी भोजन करे छ तेबामा, ते नगरमा पुत्र रहित राजा मरण पामवाथी मंत्र वडे अधिवासित ययेला पाँच || दिव्योर त्यां आवी ने हर्षसहित राज्य अर्पण कर्यु // 67-68 n गजारूढः सितच्छत्र-शाली चामरवीजितः। अन्वीयमानः पूर्लोकः, स्तूयमानः कवीश्वरैः॥ 69 // 'चतुरङ्गचमूचार-विचित्राऽखिलसत्पथः / राज्यतूर्यध्वानपूर्य-माणब्रह्माण्डमण्डपः // 7 // विलसत्तोरणं प्रोच्चपताकं प्रेक्ष्यनाटकम् / वर्णाम्नासिक्तभूपठि--व्यक्तस्वस्तिकसङ्कुलम् // 71 / / विचित्रोल्लोचसम्पूर्णी-ऽऽपणश्रेणिविराजितम्। समुद्रपालभूपालः, सोत्सवं प्राविशत् पुरम् // 72 // चतुर्भिः कलापकम् / भावार्थ-तदनंतर श्रेष्ठ हस्तीपर आरुढ थयेक, श्वेत छत्रे करीने शोभायमान, चामरो वढे वीजाता, जैनी पाछळ नगरना प्रतिष्ठित लोको चाली रहेला के, कवीश्वरो बडे स्तुति कराता, // 69 // चतुरंगी सेनानी मंद मंद / / मनोहर गतिथी विचित्र करेलो के समग्र सुंदर मार्ग जण, अने राज्यना बाजीमोना मधुरा निर्घोषयी पूरी दीधो के ब्रह्मांड- || HIMIRIDEO SAMUNDRENDS PP.AC Gunratnasuri M.S. . . Jun Gun Aaradhak Trust

Loading...

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108