Book Title: Nabhak Raj Charitram Bhashantar
Author(s): Merutungasuri
Publisher: Dosabhai Lalchand Shah

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Page 101
________________ - an - - - - - . भावाथ-हवे पुण्य वडे पवित्र आत्मावालो ते नाभाक राजा पोताना समग्र पापनी शुद्धि करी गुरु महाराज साथे पोताना नगर तरफ चाल्यो / / 272 // अनुपानद् गुरोर्वाम-भागेन पथि सञ्चरन् / दर्शयन्नुचनीचां च, भुवं भक्तामणीरभूत् // 273 // . भावार्थ-रस्तामां गुरुमहाराजने डावे पडखे उघाडे पगे चालतो अने उंचाण-नीचाणवाळी पृथ्वीने बतावतो ते नाभाक राजा गुरुभक्त शिरोमणि थयो // 273 // ... चन्द्रादित्यसुरः सेना-मानं छत्रं वितानयन् / / चामरांथालयन् पार्श्व-द्वये सद्गुरुभूपयोः // 274 // संवर्तकाऽनिलेनाग्रे, कण्टकाद्यपसारयन् / ... गन्धोदकस्य वर्षेण, भार्गस्थं शमयन् रजः // 275 // सुगन्धिभिः पञ्चवण-दिव्यपुष्पैर्मुवं स्तृणन् / संचारयन पुरस्थं च, योजनोचमहाध्वजम् // 276 // मजति प्ति व. पंन्याली गली लाल . . . . : . - me - -- - .- ' . - P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Agihak Trust -

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