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जनम:
ईसा सू५६९ बरसा पैली चैत सुद तेरस रै दिन राणी विसला एक रुपाळ गुणवान पुत्र नै जनम दियो। पुत्र जनम रा समीचार सुरण राजा पर प्रजा सै घणा हरखिया। इण खुसी में राजा सिद्धार्थ जेळखाना रा सगळा कैदियाँ नै सजा में छूट दी। गरीबां ने खूब दान-दक्षिणा दीवी। नगर रा मकान, गलियां, चौराया, भांतभांत सूसजायागया। भांत भंतीला खेल तमासा अर नाच-गाणा हुया । जनम रो मोछब घणे हरख अर उमाव सूमनायो गयो।
वामकरण:
भगवान महावीर रै जनम रै बारह दिन पछ राजा सिद्धार्थ एक बहोत बड़ो जीमण करियो । ई मांय आपण सगळा रिसतेदारां, मित्रां पर जाति भाइयों ने बुलाया। घरण आदर मान सू सगळा नै भोजन जिमायो अर पछै एक बड़ी सभा बुलाई। सभा मांय सिद्धार्थ बोलिया-जद सूओ बाळक त्रिसलादेवी रै गरभ में पायो वद सू धन, धान अर राजकोष में घणी बढोतरी हुई। ई खातर ईण भागसाळी पुत्र रो नाम वर्धमान राखणो चाइज। आयोड़ा से पावरणापाई नै 'यथा नाम तथा गुण' होवरण सू ओ नाम घणो दाय आयो।
परिवार:
वर्धमान आपणे माइतो री तीजी संतान हा । इणारे नंदिवर्धन नाम रो बड़ो भाई अर सूदर्शना नाम री एक बैन हो। वर्तमान रा मामा चेटक नैसाली गणराज्य रा. अध्यक्ष हा। इणों र दस पुत्र अर सात पुत्रियां ही। सबसू बड़ा पुत्र सिंहभद्र हा । वी वज्जीगण रा प्रधान सेनापति हा। इण भांत वधमान ।