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कालो, यदि पुवो तिलोय तारणो तिलोय बंधु, मिठत्त मोद विद्वंसपो अणाइ तिरहा विणासणो, देवाहिदेवो दिन बोहिय कामेहिं ॥ ५ ॥ ॥ ढाल तेहीज ॥ ॥ एम पजणंत वण जवण जोईसरा, देव वेमाणिया जत्ति धम्मायरा ॥ केवि कप्पडिया के वि मित्ताएगा, केवि वर रमणि वयषेण श्रइ उघुगा ॥ ६ ॥ ॥ वस्तु बंद ॥
॥ तब अन्य तव अच्चुय इंद
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