Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
१३८
॥ अथ श्री ज्ञानविमलसूरिकृत श्रीशांतिनाथजीनो कलश प्रारंभः
॥ श्रीजयमंगल कृत्स्नमच्युदय सावली प्ररोहांबुदो, दारिद्र्यडुम काननैकदलने मत्तो धुरः सिंधुरा ॥ विश्वैः संस्तुतसत्प्रतापम हिमा सौभाग्य जाग्योदयः, स श्रीशांति जिनेश्वरोऽमितदो जीयात् सुव
छबिः ॥ १ ॥ अहो नव्याः श्रृणुत तावत् सकलमंगल के लिकलाली
-
Jain Educationa InternatiBeasonal and Private Usev@nly.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162