Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 161
________________ १६० नित्य फेरा ॥ दी० ॥२॥ जिम तुज आगल सुरनी अमरी, मंगलदीप करी दीए नमरी ॥ दी० ॥ ॥३॥ जिम जिम धूपघटी प्रगटावे, तिम तिम जवनां कुरित दकावे ॥ दी० ॥४॥ नीर अदत कुसुमांजलि चंदन, धूप दीप फल नैवेद्य वंदन ॥ दी० ॥ एणी परे अष्टप्रकारी कीजे, पूजा स्नात्र महोत्सव पत्नणीजे ॥दी० ॥६॥ इति मंगलदीपकः॥ Jain Educationa Inteffatil@bsonal and Private Useverly.jainelibrary.org

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