Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 154
________________ १५३ मुखकमल पो ॥ बीजे वृषन उदार, दीगे अति सुकुमार ॥५॥ त्रीजे सिंह संपूरो, मही मंगलमांदे ए सुरो ॥ चोथे लखमी ए दीठी, रतन कमले ए बेठी ॥६॥ जर उतरती ए माल, कुसुमनी जाकऊमाल ॥ पूनम चंदो, श्रमीय ऊरे सुखकंदो ॥ ७॥ तेजे तपंतो ए नाण, करतो सफल वि. हाण ॥ ध्वजा उतरती आकाशे, लोडंती अंबरवासे ॥ ॥ कणयकलस शिरे करीयो, अमीय महा Jain Educationa Intefratil@osonal and Private Usev@vily.jainelibrary.org

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