Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 156
________________ ՀԱՄ तरियां तोरण लहेके, जिणमंदिर उठायो जी ॥ १ ॥ तत्क्षण बप्पन्न कुमरी श्रावे, वधावे जिणंदो जी ॥ स्तर कालमांहि ए जिनवर, प्रगट्यो पूनमचंदो जी ॥ २ ॥ उलाली वज्र सुर एम बोले, आसन कंपे दो जी ॥ तिहां जोइ श्रवधिनाणे तेणी वेला, अवतरीया जिणंदो जी ॥ ३ ॥ तेणे स्थानके जनममहोत्सव करवा, यावे चोसव इंदो जी ॥ मेरुशिखर पर रत्नसिंहासन, बेठा पास जिणंदो जी Jain Educationa InternatiBeasonal and Private Usew@nly.jainelibrary.org

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