Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
१५६
॥ ४ ॥ तिहा हु सनाथ उत्र शिर सोहे, ढाले चामर सुरेंदो जी ॥ पहुता सुर मली प्रभुथानकवर, लब्धिपात्र जयवंतो जी ॥ ५ ॥ नवपल्लव जिन महिमासागर, आगर तपो भंडारो जी ॥ इकागवंस तिदुयण मनरंजण, जिनशासन सिपगारो जी ॥ ६ ॥ जणे वचजंगारी श्रम मन, वसीयो श्रीश्ररिहंतो जी ॥ नीलवरण तनु महिमासागर, जय जय जगवंतो जी ॥७॥ इति श्री पार्श्वनाथ कलशः संपूर्णः ॥
Jain Educationa InternatiBeasonal and Private Usew@nly.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162