Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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१४
सुदीपकमादधे, जुवनपावनपारगताग्रतः॥१॥इति पंचम दीपकपूजा समाप्ता॥५॥ ॥अथ षष्ठादतपूजा प्रारंजः॥
॥दोहा॥ ॥ समकितने अजुबालवा, उत्तम एह उपाय ॥ पूजाथी तुमे प्रीब्जो, मन वंडित सुख थाय ॥१॥ अदत शुद्ध अखंडशें, जे पूजे जिनचंद ॥ लहे अखंमित तेह नर, अक्षय सुख आणंद ॥२॥
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