Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
१३५
ए, अमबुद्धि दातार ॥ नवि० ॥१॥ अडदिहि पण पामीए ए, पूजथी नवि श्रीकार ॥ ज० ॥ अनुक्रमे अष्ट करम हणी ए, पंचमी गति लहो सार ॥ ज० ॥२॥ शा न्हानासुत सुंदरु ए, विनयादिक गुणवंत ॥ न० ॥ शाह जीवणना कहेणथी ए, कीयो अन्यास ए संत ॥ ॥३॥ सकल पंमित शिर सेहरो ए, श्रीविनीतविजय गुरुराय ॥ ज० ॥ तास चरणसेवा थकी ए, देवनां वंडित थाय ॥ ज०॥४॥
Jain Educationa Inteffatil@bsonal and Private Usevenly.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162