Book Title: Khavag Sedhi
Author(s): Premsuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti
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मूलगायानामाद्यांशाः ]
श्राद्यांश:
गाथाङ्कः
२५५
१०१
२५४
किट्टीकरणे पुत्रपुत्रा ११४ किट्टीकरणे सम्मत्ते किट्टी कुणमाणो किट्टीगुणगारो पल्ला. किट्टी जोगो ठिइरसघाओ २६० कुणए अपुञ्चफड्डाणि कुणए वज्जिय कोहपढमं १३५ केवल दुगअभविय०
२४९
११०
कोहगबद्धदलं
कोपमा
१३८
भिया १२२
१३०
१२८
कोहपढमाउ माणगढमा कोवियत इयत्त
कोहस्स पढमसंग कोण अत्र्वाणि कोहणं उदयेणं को हाइपढमसंग किट्टीए
ख
खंड अनंतभागा खणअहिआवलिसेसाअ खणभवपबद्ध से साणि
खवगाणं संते नियमत्तो
खवणाद्वासं खंसेसु खविआ एगारस किट्टी
ग
गंतून असंखगुणिअ० गुढी आम गोमुत्ती पडिखणं
घ घाघाई कमा
चरमपबहुत्ताउ चरिमम्मि णरतसतिगं
९७
६६
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८३
१२१
१६
२०२
९४२
११३
५६
२१७
१८६
घाईणं तं
१८८
१८५
घाईणं मासपुहुत्तं घाई संखवाससहस्सा णि ७९
च
१३२
१८
१२५
३८ २६५
द्वितीयं परिशिष्टम्
प्राद्यांशः
गाथाङ्कः
चरिसमये सजोगिस्स २५७ चरमा असंखगुणं २०७ चरमुदये संजल तिगस्स ० १७७ चरमुदये संजणाणं १७५ चरिमे खंडे उक्किणम्मि २२८ चरिमेखंडे २१४
१७२
१८७
७८
चरिमे बंधो मोहस्स
चरि बंधो लोहस्स
चरिमे समये मोहस्स
छ
छट्ठखणे ठान्तो उ
ज
१२७
संकट्टि अणुए जं ठिसतं तो कोडाकोडी २२ जं ठिइसंतं अतोकोडाकोडी २५
१५६
२०१
१४३
१६४
जवमज्झं ठाणअस०
जा आवलितिगसेसा
जाणं समयपद्धाण
जादुचरिमसमयम०
जीवस्स जहण्णग०
१४८
जेट्ठो किट्टी उ अनंतगुणूणा ८१
जेोऽणुसमय०
१५९
어
ठाणअसंखंसे जवमज्झं
ठिखंडे गये सु
२४१
ठिइसतं संखसहस्स० ठिइसंतस्स असंखंसा
२८
ठिबंध बहुसदस्से सु ठिइसतं मोहस्सssवासा ११६ ठिइसतं मोइस्स वरिसट्टगं १२०
ण
अणुपुव्वीस ताच्छे अं पिल्लेवाटाणाई णाणाणाणदुगाविरइ० णाणंतरागि पल्ल स
१५०
५१
६०
२३५
२६६
१४७
१०६
१५३
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प्राद्यांश:
णामदुगस्स अडमुहुत्ता त २३७ तइयसमये बहुअसंख • तइयाई तो मुहुत्तमेत्ता २३९ काल देइ तत्तो अपुत्र किट्टी
७२
तत्तो असण्णितुल्लं
तत्तो उरिमुदिणा
तत्तो एगद्गुणहाणि
तत्तो ठिखंडपुहुत्तेणं तत्तो पढमे समये तत्तो वाहिं
तत्तो बीयाए उ विसेस०
ततो बीये अहिओ तत्तो मागको हाणं
तत्तोय को पढमं तत्तोय खवगढी
[ ५७५
गाथाङ्कः
२१६
तत्तो य वग्गणा
तत्तो विसेसहीणकमेण
तत्थ य णत्र अहिगारा
तत्थ य लोहपढम०
तह आवलिंगासु
तह पढमसंघयण०
ता अवेयणकालो
ता असंखगुणो ताणि अपुत्र्वाणि०
ता वीसबंधा तो खणबद्ध से सय०
तो आए अहिआ
तो तीसगाण
तो थावर तिरिनिरया०
तो लोहस्स पढमसंग६० तो वीरियस रसबंधो तो बीसाण असंखगुणं तोवीसाण असंखगुणो तो अणिज्जबंध
१३४
३७
१२३
७५
५२
७
२५१
९५
१४९
८९
११७
२७१
७६
७३
२
९१
४५
२५८
१६३
३४
६४
३६
१६०
९६
३३
३९
९२
४१
५५
५४
३५
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