Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar
Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah
Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad

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Page 12
________________ एक विशाल गच्छ है... सर्वाधिक संख्यावाला संघ है। वो किसी भी व्यक्ति को जवाब देकर अपनी बेइज्जती नही कराएगा। बडे जवाब नहीं देते बच्चो को : दुनिया में न्याय है कि जब भी बच्चे उछल-कुद करते है, नादानी भरी बाते करते है तब बडे विशाल हृदयको धारण करके मौन रहते है / कोई इस मौन का मतलब अन्यथा न ले / अगर आप मौन को कायरता समझते हो तो यह आपकी सबसे वडी भूल होगी कि यह जवाब क्यों दिया गया है। "लडथडतु पण गजवर बच्चु गाजे गयवर साथे" न्याय से बडो की आज्ञा एवं आशीर्वाद शिर पर रखकर हमारे गच्छ के भविष्य के लिये जिनमणिप्रभसूरिजी को जवाब देना उचित लग रहा है / हमें कोइ इस तरह कायर ना समझे... हम शांतिप्रिय है व शान्ति रखना चाहते है लेकिन गलत आक्षेपों का जवाब देना हमें अच्छी तरह आता है। जिनशासन सदा जयवंत रहे.... आज के समय में सबसे बडी जरुरत एकता की है... जैनशासन के सभी गच्छ को एक होना आवश्यक है। बिना मतलब के विखवाद को शांत करना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए खरतरगच्छ के आचार्यादि भगवंतो से विनंति है की शासन में शांति रहने दे / विखवाद से दूर रहे / जिनाज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा हो तो क्षमापना / 000000908868 DOORAKOOOOOOOL 00000000000000000 600000000000000

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