Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar
Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah
Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad
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________________ अवंति पार्श्वनाथ के गर्भगृह से प्रतिमा हटाई तोझरी अमी मूलनायक को छोड़ आदिनाथ, नेमिनाथ ओरगौड़ीपार्श्वनाथ की प्रतिमा का किया उत्थापन उज्जैना नईदुनिया प्रतिनिधि समित्वभाव रखताबर जैन तीर्थ पर गर्भगृह में विराजित मूल नायक के अलावा तीन प्रतिमाओं का सोमवार को विधि विधान के साथ उत्थापन (स्थानांतरण) किया गया। इस दौरान गौडी पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा से अमी (अमृत तुल्य तरल पदार्थ) झरने लगी। उपस्थित श्रद्धालुओं ने इसे शुभ संकेत मनते हुएहतिरेक मेजयपोषकिया। उत्थापन के पूर्व भी अवतिपानाच, पीआदिनम और श्री गौडी पाश्वनाम। दानी गेट स्थिा इस प्राचीन तीर्थ के गर्भगृह में विराजित सभी प्रतिमाओं का उत्थापन किए बिना जीर्णोद्वार होकर शिखरबद्ध मंदिर का निर्माण हो चुका है तथा 15 फरवरी 2010 को प्रतिष्ठा समारोह आयेजित होगा। पिछले दिनों ट्रस्ट व उससे जुड़े समाजजनों के निर्णय के उपरांत मूलनायक श्री अबति पारवनाथजी कीप्रतिमकेसाथविराजित वे आझिाथ, श्री नेमिनाथ व श्री गौरी पारवनाथप्रभुकी प्रतिमा के उत्थापनका निर्णय लिया गया। बताया गया कि यह उत्थान के बाद विराजित मनु आदिनाथ। प्रतिमाएं मूलनायक से ऊंची विराजित होने से उत्थापन जिनवाना आवश्यक नेमिनाथ प्रभु की प्रतिमा अपने प्रतिष्ठित प्रभुकी प्रतिमा का उत्थापन कर प्रतिष्ठा है। हालांकि समाज के कुछ लोग इन मन स्थान से बाहर आ गई। इसके बाद तक गर्भगृह मेंहीअन्यस्थान पर विराजित प्रतिमाओं के उत्थापन से सहमत नहीं गौडी पार्श्वनाथजी की प्रतिमा के किया गया है तब न दोनों प्रभु को थे। निर्णय के बाद सोमवार सुबह 9.30 उत्थापनकी क्रिया प्रारंभ की गई। भारी- गर्भगृह के भीतर ही आसपासकी दीवारों जानेमालामणिमसारतश्विरना भरकम इस प्रतिमा के उत्थापन के लिए पर बने गंभारे मेंतथा श्री नेमिनाथप्रभुको मसा एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में थेडी मशक्कत करना पड़ी। आखिरकार गर्भगर के पास प्रतिष्ठित किया जाएगा मंत्रोच्चार के साथ विधान शुरूहआ और इस प्रतिमा को भी मूल स्थान से बाहर तथा मूलनायकजी के पीछे आकर्षक कारीगरों ने प्रतिमा के उत्थापन का काम निकालने मेंसफलतामिण गई। परिकरभी बनेगा। रितेश जैन ने बताया कि शुरू कर दिया। वहुत आसानी के सथ गर्भगृह में ही होगी विराजित मंगलवार सुबह 9.30 बजे से आचार्यश्री ठीक 10 बजकर 17 मिनट पर मूल के प्रवचन होंगे तथ दोपहर उपरांत वे गर्भगृह में विराजित श्री आदिनाथ और श्री श्र आदिनाथ और श्री गौड़ी पार्श्वनाथ महिदपुर की ओर प्रस्थान करेंगे। PRODOOOOOOOOOOOOO 6666666666666666660 00000000000000000 COOOOOOOOOOOOO