Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar
Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah
Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad

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Page 66
________________ परिशिष्ट 7 खरतरगच्छ श्रमण संम्मेलन गीत तर्ज :- प्रभु तारुं गीत मारे गांवु छे पालीताणा हमें आना है, सम्मेलन सफल कराना है ना कारण है ना बहाना है,गुरुदेव का कर्ज चुकाना है। पालीताणा.... युवाओं को जुट जाना है, वृद्ध अनुभव का लाभ उठाना है अमूल्य अवसर यह हथियाना है,पालीताणा हमें आना है | गौतम खरतर सुधर्मा खरतर,वीर की मूल परम्परा खरतर, इस सत्य का डंका बजाना है,पालीताणा हमें आना है। सम्मेदशिखर गढ़ गिरनारी पर,शत्रुजय गिरिराज के उपर, खरतर ध्वज लहराना है,पालीताणा हमें आना है। तारंगा शंखेश्वर हो अपना, कांति गुरुवर का था सपना, राणकपुर आबू पांव जमाना है, पालीताणा हमें आना है। खरतरगच्छ के थे सब तीरथ,वापिस पाने का प्रबल मनोरथ, दृढ़ निश्चय मन में ठाना है, पालीताणा हमें आना है। दादा पद है सिर्फ खरतर का,अचल पायचंद नहीं तपा का, सब नकल को अब निपटाना है, पालीताणा हमें आना है। इतने पंहुचो यहां पर यात्रु,भयभीत थर्रावे शत्रु, खरतर सैलाब को लाना है,पालीताणा हमें आना है। पांच पीर चौसठ जोगणियां,बावन वीर सब खरतर मणियाँ, फिर से इन्हें जगाना है, पालीताणा हमें आना है। काला भैरव गोरा भैरव, अम्बे मां का अदभुत वैभव, 'कांति मणि' लोहा मनवाना है,पालीताणा हमें आना है। 6666666666666666660 600000000000000

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