Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar
Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah
Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad
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________________ - बात में भी तपागच्छ पर सरासर झूठे इल्जाम लगाने की जोरशोर से चल रही गुमराह करने वाली द्वेषभरी मलिन प्रवृत्ति बंद करवाएँ इतिहास के पुख्ता प्रमाण व साक्ष्य है कि अकबर पर जिनचंद्रसूरिजी का प्रभाव बिल्कुल सीमित ही रहा था / बल्कि उन्होंने तो अपना निवेदन मनवाने के लिए अकबर को विजयहीरसूरीश्वरजी की दुहाई दी थी / अकबर पर मुख्य व ऐतिहासिक प्रभाव तपागच्छ के आचार्य विजय हीरसूरीश्वरजी एवं उनके शिष्यों का ही रहा था / जिनशासन की इस गौरव गाथा का आप भी सर्वत्र यथार्थ प्रचार करें एवं खास तो आपके गच्छ में जो गलतफहमियाँ पिछले कुछ दशकों से जानबुझ कर खडी की गई है उनको दूर कर के सही हकीकत बतलावें / साथ ही जैन, जैनेतर सभी इतिहासकारों द्वारा सिद्ध इस ऐतिहासिक तथ्य को झुठलाकर अकबर प्रतिबोधक के रूप में जिनचंद्रसूरिजी को दर्शाने वाले जो भी भ्रामक शिलापट्ट आदि खरतरगच्छ की ओर से जहा भी बने है एवं बन रहे है उनका तात्कालिक निवारण एवं निराकरण करवाएँ / 10. खरतरगच्छ के मंदिरों को में नीचे दादा गुरुदेवों की बडी मूर्तियां एवं उपर की बालकनी में श्री जिनेश्वर प्रभु की गौण मूर्ति की स्थापना का जो प्रचलन खडा करके जिनेश्वर परमात्मा के महत्व को घटाया जा रहा है यह एक अतीव निंदनीय जघन्य अपराध है उसे तात्कालिक रोका जाए एवं बन चुके स्थलों को सुधारा जाए। 11. भोले भक्तों और श्रीसंघ समक्ष दादा साहेबों को जोर-शोर से गुरु गौतमस्वामी से भी एक तरह से ज्यादा बडा एवं पूज्य बताना आप बंद करें / यह प्रथम गणधर गुरुगौतमस्वामी की खरतरगच्छ द्वारा अभिनिवेश में आ कर की जा रही निकृष्ट कोटी की आशातना व अवहेलना है। 12. “दादा वाडी" या "दादा साहेब" ये शब्द श्रीसंघ में सभी गच्छों द्वारा अपने-अपने स्थानों हेतु लंबे समय से रुढ है एवं प्रचलन में है। इन शब्दों पर खरतरगच्छ का एकाधिकार बता कर अन्य गच्छों को अपने पूज्यों के स्थानों हेतु उन्हें उपयोग में लेने से रोकने की कुचेष्टा आप सर्वथा बंद करें एवं इस शब्द का करवाया गया हास्यास्पद सरकारी पंजीकरण तुरंत ही रद्द करवाएं। 13. जैन इतिहास के साथ अनधिकृत छेडछाड बंद करवें / खास कर ओसवालों के इतिहास को ले कर समाज को भ्रमित करना बंद करे / एवं उपकेश गच्छीय पूज्य रत्नप्रभसूरीश्वरजी के महान उपकारों को गुमनामी में धकेलने के हीन प्रयास बंद करें /