Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar
Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah
Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad

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Page 40
________________ 26. नाकोडा भैरवजी के प्रतिष्ठा कर्ता एवं उनको जाग्रत कर्ता तपागच्छ के आचार्य हिमाचलसूरि होते हुए भी वो खरतरगच्छ के अधिष्ठायक कैसे बन गए ? 27. खरतरगच्छ के अधिष्ठायक काला गोरा भेरु है। जबकि नाकोडा भेरुजी लाल है। वो राता भैरुजी है। 28. जहाँ-तहाँ तपागच्छ के स्थानों में दादावाडी व पगले बिठाना खरतरगच्छ की प्राचीन परंपरा है और उसके बाद वो स्थान अपने नाम कर लेना यह कुटनीति है। यह तो केवल जानकारी में आए उदाहरण हैं, इसके अलावा अज्ञात कई उदाहरण हैं। Poppopopomp9909 6666666666666666660 00000000000000000 600000000000000

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