Book Title: Kalpsutram Author(s): Bhadrabahuswami, Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund View full book textPage 7
________________ 655645***SAKS ससहस्सेहिं ऊणिआए पंचहत्तरिवासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिं-इक्कवीसाए । तित्थयरेहिं इक्खागकुलसमुप्पन्नेहिं कासवगुत्तेहिं, दोहि य हरिवंसकुलसमुप्पन्नेहिं ३ गोअमसगुत्तेहिं, तेवीसाए तित्थयरेहिं विइकंतेहिं, समणे भगवं महावीरे चरमतित्थयरे पुवतित्थयरनिद्दिढे, माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स। भारिआए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं . नक्खत्तेणंजोगमुवागएणं आहारवक्कंतीए भववकंतीए सरीरवक्तीए कुच्छिसि गब्भत्ताए । वकंते॥३॥समणे भगवं महावीरे तिन्नाणोवगए आविहुत्था-चइस्सामित्ति जाणइ, 3 चयमाणे न याणइ, चुएमि त्ति जाणइ ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे देवाणं-12 दाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्ते, तं रयणिं च णं सा देवाणं १ चरिमेPage Navigation
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