Book Title: Kalpsutram Author(s): Bhadrabahuswami, Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund View full book textPage 5
________________ ' श्रेष्ठि-देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः-१६. श्रीदशाश्रुतस्कन्धे, श्रीपर्युषणाकल्पाख्यं खामिश्रीभद्रबाहुविरचितम् श्रीकल्पसूत्रम्.. AUSOSASSIC ॐ श्रीवर्धमानाय नमः॥ॐ॥ अहं ॥ नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सवसाहूणं ॥ एसो पंचनमुक्कारो, सवपावप्पणासणो, मंगलाणं च सवेसि, पढ़मं हवइ मंगलं॥ १॥तेंणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे हुत्या; तंजहा, हत्थुत्तराहिं चुए-चइत्ता गम्भं वक्ते ?, हत्थुत्तराहिं ।। १ सूत्रद्वयमेतदीयं संख्यातम्Page Navigation
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